अच्छा है
किसी
तस्वीर से प्यार करना
वो
कभी रूठती नहीं
कभी दूर नहीं जाती
कोई शिकवा नही
बस
रहती है
मेरे सामने
हर दिन, हर पल
अपलक निहारती..मुस्कुराती सी
तो..
अच्छा है ना!
किसी तस्वीर से प्यार करना.
copyright@Santosh kumar, 1995
प्रियतमा जिंदगी!! , आओ! , फिर से मिलो , जी लें.. कुछ लम्हे , बेतकल्लुफ होकर , कर लें दो-चार बातें , प्यार की - तकरार की , आ जी लूं तुझे , जी भर कर , कब से खड़ा हूँ , राह में.., बांहे फैलाये, और हूँ बेकरार भी , संग तेरे चलने को , कर वादा आज का , आज की शाम का.., कल हम यहाँ हों न हों!
बहुत सुंदर ..kripya word verification hata len..
ReplyDeleteBahu hi acchhi rachna Santosh Ji.. Badhai...
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