Saturday, July 16, 2011

चश्मेबद्दूर

चश्मेबद्दूर

मैने सोंचा
तेरी सुरमई आँखो का
थोड़ा सा कजरा चुराकर
इस चाँद को लगा दूं
बहुत घमंड है इसे
अपनी सुंदरता पर..
ताकि इसे किसी की नज़र ना लगे
पर कैसे छिपा रखूं
तुझे अपनी और जमाने की नज़र से.

2 comments:

बताएं , कैसा लगा ?? जरुर बांटे कुछ विचार और सुझाव भी ...मेरे अंग्रेजी भाषा ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें, मैंने लिखा है कुछ जिंदगी को बेहतर करने के बारे में --> www.santoshspeaks.blogspot.com .