वो बस जाना चाहता था
तुम्हारी जुल्फों में
तुम्हारी सांसों में
वो मर-मिटना चाहता था,
तुम्हारी अदाओं पर,
वो मदहोश था
तुम्हारे दीदार भर से ..
तूने भी गलत समझा
यूँ ही झटक दिया
कि वो एक भंवरा है
बस खुशबू चुराने आया है
आम भंवरो जैसा...
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३
तुम्हारी जुल्फों में
तुम्हारी सांसों में
वो मर-मिटना चाहता था,
तुम्हारी अदाओं पर,
वो मदहोश था
तुम्हारे दीदार भर से ..
तूने भी गलत समझा
यूँ ही झटक दिया
कि वो एक भंवरा है
बस खुशबू चुराने आया है
आम भंवरो जैसा...
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३
अर्थपूर्ण लेखनी .....हर कोई एक सा नहीं होता ...इसके लिए समझ का सही होना भी जरुरी है
ReplyDeleteसुन्दर रचना
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