Saturday, September 10, 2011

काश! ऐसा होता!


कितना अच्छा होता..
अगर तू
नन्ही सी बदली होती


और मैं
मस्त हवा का झोंका होता
तब.. तुझे
तुझसे पूछे बिना
कहीं भी
उड़ा ले जाना
कितना आसान होता!!
काश! ऐसा होता!

Copyright@Santosh Kumar, 2011


शब्दार्थ
बदली = बदरी, बादल का छोटा सा टुकड़ा

Post Script : It was one of my very first poems, when I just started writing about my innocent wishes and dreams.



18 comments:

  1. इस कविता से मुझे किसी की याद आ गई.

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  2. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति| धन्यवाद|

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  3. बहुत अच्छी कविता लगी..स्वच्छन्द भाव से परिपूर्ण.

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  4. This comment has been removed by the author.

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  5. Just Brilliant and Innocent expression L O V E.
    Keep it up.

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  6. बहुत सुंदर है और प्रभावपूर्ण है

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  7. शनिवार १७-९-११ को आपकी पोस्ट नयी-पुरानी हलचल पर है |कृपया पधार कर अपने सुविचार ज़रूर दें ...!!आभार.

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  8. सबसे पहले हमारे ब्लॉग 'खलील जिब्रान पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया.........आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ...........पहली ही पोस्ट दिल को छू गयी........कितने कम लफ़्ज़ों में कितने खुबसूरत जज्बात दाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब...........आज ही आपको फॉलो कर रहा हूँ ताकि आगे भी साथ बना रहे|

    कभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को भी)

    http://jazbaattheemotions.blogspot.com/
    http://mirzagalibatribute.blogspot.com/
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    एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|

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  9. सुन्दर भाव लिए रचना |बधाई
    आशा

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  10. वाह ...बहुत ही सुन्‍दर भावमय करते शब्‍द ।

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  11. उन्मुक्त भावुक और सुन्दर कविता!!

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  12. @अमृता : धन्यवाद!! आपकी रचनाएँ पढ़ी.. बहुत अच्छी हैं.

    @अनुपमा त्रिपाठी : मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद!! लिंक में अन्या रचनाएँ भी एक-से-बढ़कर एक लगी. ये मंच बनाने के लिए आभार.

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  13. @इमरान इनसारी : बहुत बहुत शुक्रिया!. मैने आपका (ख़लील ज़ीब्रान) ब्लॉग जाय्न कर लिया है. मेरे मान में उनके प्रति बहुत इज़्ज़त है. आप अगर बुल्लेशाह की रचनाए शामिल करें .. मैं आपका शुक्रगुज़ार होऊँगा.

    @आशा जी : धन्यवाद.. मेरा मनोबल बढ़ने के लिए.

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  14. @सदा : शुक्रिया.
    @संगीता स्वरूप : धन्यवाद. मंच बनाकर प्रोत्साहन के लिए आभार.
    @सागर : धन्यवाद.
    आप मेरी रचनाओं की समालोचना के लिए आमंत्रित है, फिर अवश्य पधारे.
    भारतीय जीवन पर मेरे विचार www.santoshspeaks.blogspot.com पर देखें.

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  15. @रणविजय : मैं कुछ सफल हुआ, शुक्रिया.
    @Patali-the-village : Thank you very much. Do visit again.

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बताएं , कैसा लगा ?? जरुर बांटे कुछ विचार और सुझाव भी ...मेरे अंग्रेजी भाषा ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें, मैंने लिखा है कुछ जिंदगी को बेहतर करने के बारे में --> www.santoshspeaks.blogspot.com .