चश्मेबद्दूर
मैने सोंचा
तेरी सुरमई आँखो का
थोड़ा सा कजरा चुराकर
इस चाँद को लगा दूं
बहुत घमंड है इसे
अपनी सुंदरता पर..
ताकि इसे किसी की नज़र ना लगे
पर कैसे छिपा रखूं
तुझे अपनी और जमाने की नज़र से.
मैने सोंचा
तेरी सुरमई आँखो का
थोड़ा सा कजरा चुराकर
इस चाँद को लगा दूं
बहुत घमंड है इसे
अपनी सुंदरता पर..
ताकि इसे किसी की नज़र ना लगे
पर कैसे छिपा रखूं
तुझे अपनी और जमाने की नज़र से.