Friday, August 26, 2011

शुभ विदा


लो मैं
फिर बिछड़ता हूँ
तुझ से
तेरे गेसूओं के साए से
तेरी गली, तेरे सहर से
पर भूलना नहीं
आऊंगा फिर से
भागकर हर बार
तेरी बाहों के
मौन निमंत्रण पर
तब तक के लिए
अपनी नम सुरमई आँखों से
दो मुझे
एक और शुभ विदा!!

copyright@Santosh kumar, 2011

Wednesday, August 24, 2011

तस्वीर


अच्छा है
किसी
तस्वीर से प्यार करना
वो
कभी रूठती नहीं
कभी दूर नहीं जाती
कोई शिकवा नही
बस
रहती है
मेरे सामने
हर दिन, हर पल
अपलक निहारती..मुस्कुराती सी
तो..
अच्छा है ना!
किसी तस्वीर से प्यार करना.

copyright@Santosh kumar, 1995