वापस पलट आओ
जहाँ हो
वहीँ से
एकबार देख तो लो
सुन तो लो
वो सारी बातें
मेरी जुबान की..
जो बयां कर रही हैं
मेरी आँखें..तुम्हे
तुम्हारी राहों को
अपलक निहारते हुए..!
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३
जहाँ हो
वहीँ से
एकबार देख तो लो
सुन तो लो
वो सारी बातें
मेरी जुबान की..
जो बयां कर रही हैं
मेरी आँखें..तुम्हे
तुम्हारी राहों को
अपलक निहारते हुए..!
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३