Sunday, September 18, 2011

शाम

हर रोज़
शाम आती है
मेरी परछाई से
छिप कर
तुम्हारी परछाई से
मिलने..
बाँटने सुख-दुख
मेरे-तुम्हारे
और
अधूरे वादे.. 

करके जाती है
मुझे तन्हा ..
मेरी सहमी हुई
यादों के भरोसे.

copyright@Santosh kumar, 2011
Picture Courtesy : Google Images.

20 comments:

  1. संतोष जी बहुत प्यारी रचनायें हैं ....
    नीचे भी देखी मैंने .....
    पत्थर वाली बहुत अच्छी लगी ....
    अपनी १४, १५ क्षनिकाएं भेज दीजिये मुझे 'सरस्वती-सुमन' पत्रिका के लिए ...
    जो क्षणिका विशेषांक ही है ....
    साथ में अपना संक्षिप्त परिचय और तस्वीर भी ....
    इन्तजार रहेगा .....

    harkirathaqeer@gmail.com

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  2. मेरे मन की व्यथा.. आपकी ज़ुबानी. बेहद भावुक रचना.
    आपका धन्यवाद.

    शेखर 'गुंजन'

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  3. Its too good..i have always been a fan of your poetry....!!

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  4. बहुत खुबसूरत..........बहुत पसंद आई पोस्ट|

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  5. प्रेम में विरह की भावुक अभिव्यक्ति.. अच्छी लगी.

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  6. एक और उदास शाम.. मार्मिक चित्रण.

    संजना झंझर

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  7. संतोष, अब लग रहा है कि ब्लौग पर मेरी भेजी हुई किताब का असर होने लगा है। साथ में खुशी भी है कि कोई तो कद्र कर रहा है उन किताबों की।
    ये तुकबन्दी तो बिल्कुल भी नहीं है।
    बातें तो बहुत हैं करने को, पर तुम सामने आओ फ़िर बात करने का मजा आएगा।
    शुभकामनाएँ...

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  8. हरकीरत जी. सराहना के लिए धन्यवाद!

    मैं अपनी क्षणिकाएँ आपको भेज दूँगा, आपकी रचनाएँ देखी.. बहुत कुछ सीखने को मिला. "सरस्वती-सुमन" में अवसर देने के लिए आभारी हूँ.

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  9. @KK & Rachita : Thank you for visiting and appreciation.

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  10. @इमरान अंसारी , अमित और संजना : शुक्रिया!!

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  11. @अनूप वर्मा : शुभकामनाओं और प्रेरणा के लिए धन्यवाद. Blogging की किताबों से काफ़ी कुछ सीखने को मिला.आशीर्वाद दें, अम्मा जी को मेरा प्रणाम कहें.

    मुझे सूर्य कांत त्रिपाठी 'निराला' जी का मुक्त छन्द लिखने का अंदाज़ पसंद है. . और भी रचनाओं पर अपनी समालोचना व्यक्त करें.

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  13. Thank you for visiting, Also visit www.santoshspeaks.blogspot.com.

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  15. @निवेदिता : धन्यवाद. आपकी रचना "संबंधों की कांवर" बहुत पसंद आई.

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  16. अच्छी लगी. शुभकामनाएं.

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बताएं , कैसा लगा ?? जरुर बांटे कुछ विचार और सुझाव भी ...मेरे अंग्रेजी भाषा ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें, मैंने लिखा है कुछ जिंदगी को बेहतर करने के बारे में --> www.santoshspeaks.blogspot.com .