(१)
मैं हूँ..
आपका जन-प्रतिनिधि,
जन सेवक,
जनता का,
जनता के लिए..
जनता द्वारा चुना गया.
गिरवी हैं..
जनता के
वोट भी.. नोट भी,
और उनके सुख-चैन भी
मेरी तिजोरी में.
(२)
आऊँगा.. बार-बार
पास तुम्हारे ..
बिना हिचक के,
बिना शर्म के
हाथ जोड़े, झोली फैलाये
करने नवीनीकरण ..
जन-सेवा के ठेके का.
(३)
हो जायेगी
मंत्रिमंडल में,
जगह भी पक्की..
अबकी बार,
भूलना मत
मेरा नया निशान...
हेलीकॉप्टर से थैले गिराता
तुम्हारा नेता महान !!
Copyright@संतोष कुमार,२०११