Saturday, March 23, 2013

भंवरा

वो बस जाना चाहता था
तुम्हारी जुल्फों में
तुम्हारी सांसों में
वो मर-मिटना चाहता था,
तुम्हारी अदाओं पर, 
वो मदहोश था 
तुम्हारे दीदार भर से ..
तूने  भी गलत समझा
यूँ ही झटक दिया 
कि वो एक भंवरा है
बस खुशबू चुराने आया है 
आम भंवरो जैसा...

Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३ 

2 comments:

  1. अर्थपूर्ण लेखनी .....हर कोई एक सा नहीं होता ...इसके लिए समझ का सही होना भी जरुरी है

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  2. सुन्दर रचना

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