चाहे आवाज दो
या न दो
या फिर
ओढ़ लो
नकाब कोई
मैं यादों का मुसाफिर हूँ
समय की रेत पर
तुम्हारे निशान
ढूंढ ही लूँगा !
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३
या न दो
या फिर
ओढ़ लो
नकाब कोई
मैं यादों का मुसाफिर हूँ
समय की रेत पर
तुम्हारे निशान
ढूंढ ही लूँगा !
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१३