१.
मैं
टूटता तारा सही
जलूँगा, बुझूंगा
पर याद रखना
तेरी हर मुराद
पूरी करूँगा.
२.
मेरी जिंदगी...
तू सलाम कर
मेरे शौक को..
थोड़ा गुमान कर
मेरे अंदाज का
फिर देख
मैं, तेरे हर पहलू में
कितने रंग भरता हूँ.
३.
मुझे
दुनिया की भीड़ में
सिर्फ तुम ही दिखीं..
अपनी सी
मेरी आँखें
पहचानती थीं ,
पहले से,
कई जन्मों से
सिर्फ तुम्हें हीं.
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ' , २०१२.
मैं
टूटता तारा सही
जलूँगा, बुझूंगा
पर याद रखना
तेरी हर मुराद
पूरी करूँगा.
२.
मेरी जिंदगी...
तू सलाम कर
मेरे शौक को..
थोड़ा गुमान कर
मेरे अंदाज का
फिर देख
मैं, तेरे हर पहलू में
कितने रंग भरता हूँ.
३.
मुझे
दुनिया की भीड़ में
सिर्फ तुम ही दिखीं..
अपनी सी
मेरी आँखें
पहचानती थीं ,
पहले से,
कई जन्मों से
सिर्फ तुम्हें हीं.
Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ' , २०१२.