प्रियतमा जिंदगी!! , आओ! , फिर से मिलो , जी लें.. कुछ लम्हे , बेतकल्लुफ होकर , कर लें दो-चार बातें , प्यार की - तकरार की , आ जी लूं तुझे , जी भर कर , कब से खड़ा हूँ , राह में.., बांहे फैलाये, और हूँ बेकरार भी , संग तेरे चलने को , कर वादा आज का , आज की शाम का.., कल हम यहाँ हों न हों!
Friday, May 10, 2019
मैं और तुम
तू ही बता... जिंदगी मैं कौन हूँ तुम्हारा...? तुम्हारी चिठ्ठियाँ पढ़ने वाला , तुम्हारी चिट्ठियाँ लाने वाला , या हर रोज़.... तुझे ..बड़ी शिद्दत से लगातार चिट्ठियां लिखने वाला सुना है अक्सर प्यार हो जाता है इनमे से ... किसी -न-किसी एक से तुझे !!
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बताएं , कैसा लगा ?? जरुर बांटे कुछ विचार और सुझाव भी ...मेरे अंग्रेजी भाषा ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें, मैंने लिखा है कुछ जिंदगी को बेहतर करने के बारे में --> www.santoshspeaks.blogspot.com .
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