Thursday, May 10, 2012

आगे बढ़ो !

अभी भी पन्ने खाली हैं
आने वाले कल के
इतिहास में,
कई युग बाकी हैं,
जग जीतने को
अलसाई आँखें धो लो
कस लो कमर,
बढ़ लो सही डगर पर
है मुकाम पुकार रहा
बाहें फैलाये ,
विजय का टीका लगाने को
भर लो फेफड़ों में 
साँसे आत्मविश्वास की
मुडना मत,
झुकना मत
आगे बढ़ो !
और जीत लो
इस दुनिया को.

Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ' , २०१२ 

6 comments:

  1. क्या जोश है........
    बस...
    जोश में खोना ना होश है.......

    अनु

    ReplyDelete
  2. कर लो दुनिया मुट्ठी में

    ReplyDelete
  3. josh bharti shandar post

    ReplyDelete
  4. आगे बढाती हुई ....प्रेरक और सार्थक रचना ...जोश से भरी हुई ....!!
    शुभकामनायें .

    ReplyDelete
  5. राष्ट्रहित में एक पैगाम ...
    बहुत खूब ....!!

    ReplyDelete

बताएं , कैसा लगा ?? जरुर बांटे कुछ विचार और सुझाव भी ...मेरे अंग्रेजी भाषा ब्लॉग पर भी एक नज़र डालें, मैंने लिखा है कुछ जिंदगी को बेहतर करने के बारे में --> www.santoshspeaks.blogspot.com .