Saturday, February 11, 2012

एक गुलाब !


एक गुलाब टांक दो
मेरे कोट की बटन होल में,
एक गुलाब खोंस दूं
तेरे बालों के जूडे में.

देखें...
कौन किस पर मर मिटता है?
तू.. मुझपर,
या मैं तुझपर
या फिर
ये गुलाब मर मिटे
हमारी किस्मत पर.

अगर जो कोई
ज़माने में
देखकर हमें जले
तो...भेज दो
उसके भी घर
टोकरी भर गुलाब !!

Copyright@संतोष कुमार ‘सिद्धार्थ’, २०१२ 


आप सबों को 'प्रेम-दिवस' (Valentine Day) की हार्दिक शुभकामनाएं. एक विनम्र निवेदन है कि अगर दुनिया में  खुशी,  मुस्कान और प्यार बिखेरना चाहते हों तो गुलाब भेंट करना ना भूलें.

6 comments:

  1. :-)
    बहुत सुन्दर.

    शुभकामनाएँ.

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  2. खुबसूरत जज़्बात....आपको भी शुभकामनाये......अगर महबूब दूर हो तो गुलाब कैसे दें ?

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  3. अरे गुलाबो सी महकती रचना मन को भा गई ......

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