Tuesday, July 3, 2012

तेरी तलाश में...

१.
यूँ तो अक्सर
मेरा नाम सुनकर
तुम्हारा दिल धडकता है
पर क्या
कोई मुल्क है?
कोई जुबान है?
जिसमें होता हो 
तर्जुमाँ मेरे नाम का 
तुम्हारा नाम !


२.
कहते हैं
ढूँढो जो अगर
लगन से,
धीरज से
तो ईश्वर भी मिल जातें है
यही सोंचकर
तुम्हे ढूँढने चला हूँ मैं !

Copyright@संतोष कुमार 'सिद्धार्थ', २०१२

14 comments:

  1. कहते हैं
    ढूँढो जो अगर
    लगन से,
    धीरज से
    तो ईश्वर भी मिल जातें है
    यही सोंचकर
    तुम्हे ढूँढने चला हूँ मैं !
    वाह .. बेहतरीन

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    1. सराहना के लिए शुक्रिया !

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  2. बहुत सुन्दर संतोष जी....
    पहली क्षणिका तो बेहद खूबसूरत....

    अनु

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  3. जरूर मंजिल मिलेगी ... आपको जिसकी तलाश है वो जरूर मिलेगी .. आमीन ...

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    1. मंजिल जरूर मिलेगी ...आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया.

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  4. धीरज है तो ईश्वर तो मिलेंगे ही .. ये भरोसा ही तो अस्तित्व है...

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    1. जिद है ..जूनून है ..बस प्रयास जारी रहने चाहिए. Never say die spirit के साथ.

      विचार बांटने का शुक्रिया.

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  5. दोनों ही क्षणिकाएँ लाजवाब...सकारात्मक सोच की अभिव्यक्ति !!

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  6. ये खोज पूर्ण होगी, लगन सच्ची जो है।

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    1. जी हाँ... सच्ची लगन से हर खोज जरुर पूरी होगी. धन्यवाद.

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  7. वाह ..... दोनों क्षणिकाएं बेहतरीन

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  8. बहुत ही बेहतरीन क्षणिकाएं
    :-)

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