Wednesday, February 22, 2012

मतदान का अधिकार !


जनता..
फिर से
भर रही हुंकार
अबकी बार ..
नेता गण में भी
मचे चीत्कार ..
वो भी हों
हैरान – परेशान,
न सो सकें
चैन से.. ,
न बजा सकें बंशी
कि फिर से सत्ता में
काबिज होगी दुबारा
उन्ही की सरकार
अगर जो
ना रखा हो
सही हिसाब ,
सही ख्याल
जनता के आंसुओं का !

Copyright@संतोष कुमार ‘सिद्धार्थ’, २०१२ 

6 comments:

  1. काश कि जनता इतनी समझदार साबित हो...

    अच्छा आगाज़...

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  2. जागो मतदाता जागो।

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  3. जनता जाग रही है... हिसाब मांगेगी अपने आँसुओं का...

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  4. जागना ही होगा ...

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  5. बहुत सुन्दर भाव। धन्यवाद।

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  6. आंकड़े बदल रहे हैं .....

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